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Money Plan: कम चार्ज, ज्यादा सुविधा और स्मार्ट रिटर्न, ऐसे चुनें सही बैंक अकाउंट

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Posted On:Friday, December 12, 2025

डिजिटल बैंकिंग के इस दौर में बैंक अकाउंट चुनना अब सिर्फ 'नजदीक ब्रांच है' वाली सुविधा तक सीमित नहीं रह गया है। ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव का असर सीधे आपकी बचत (Savings) पर पड़ता है। खासकर अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में कई लाख रुपये पड़े रहते हैं, तो सही बैंक और सही जगह पैसे रखना बहुत जरूरी है। सेविंग्स अकाउंट सुरक्षित होते हैं, लेकिन बड़े बैलेंस रखने के लिए ये हमेशा सही विकल्प नहीं होते।

1. सबसे पहले बैंक की मजबूती (Stability) देखें

इंटरेस्ट रेट या आकर्षक ऑफर्स देखने से पहले बैंक की वित्तीय स्थिरता (Financial Health) देखें। बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक या टॉप प्राइवेट बैंक ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं। छोटे या नए बैंक भले ही ज्यादा ब्याज दें, लेकिन पहले उनके फाइनेंशियल हेल्थ और रेगुलेटरी रिकॉर्ड को समझ लें। आपका मुख्य बैंक अकाउंट हमेशा ऐसे संस्थान में होना चाहिए जहाँ आपकी पूंजी की सुरक्षा पर कोई सवाल न हो।

2. सेविंग्स अकाउंट लिक्विडिटी के लिए है, रिटर्न के लिए नहीं

सेविंग्स अकाउंट का मूल मकसद लिक्विडिटी (तरलता) प्रदान करना है, यानी जब चाहें पैसा निकाल सकें। आपको इसमें केवल 1 से 3 महीनों के खर्च जितना पैसा रखना चाहिए। इससे ज्यादा रकम रखने से रिटर्न बहुत कम मिलता है, क्योंकि ब्याज दरें कम होती हैं और स्लैब, कंडीशन और गणना के तरीके के कारण असली ब्याज दर ज्यादा नहीं बढ़ती।

3. चार्जेज और डिजिटल सुविधा भी जरूरी

बैंक के विभिन्न चार्जेज और सुविधाओं पर ध्यान देना उतना ही जरूरी है।

  • चार्जेज: मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनल्टी, एटीएम लिमिट, ब्रांच चार्ज — ये सभी धीरे-धीरे आपकी बचत को कम कर देते हैं। प्रीमियम अकाउंट में भले ही कई चार्ज माफ हों, लेकिन उनका मिनिमम बैलेंस अक्सर बहुत ज्यादा होता है।

  • डिजिटल अनुभव: एक सहज और सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग अनुभव (ऐप और वेबसाइट की कार्यक्षमता) भी बेहद अहम है।

4. बड़े बैलेंस सेविंग्स अकाउंट में क्यों न रखें?

अगर आपके अकाउंट में ₹10 लाख, ₹50 लाख या उससे ज्यादा रकम पड़ी है, तो आप बेहतर रिटर्न का एक बड़ा मौका खो रहे हैं।

  • कम रिटर्न: सेविंग्स अकाउंट की ब्याज दरें मुद्रास्फीति (Inflation) की दर को मात नहीं दे पाती हैं, जिससे समय के साथ आपके पैसे का मूल्य कम होता जाता है।

  • उद्देश्य: सेविंग्स अकाउंट लंबे समय की ग्रोथ (Growth) के लिए बने ही नहीं हैं। जितना पैसा आपको तुरंत काम आ सकता है (इमरजेंसी फंड), उसे ही सेविंग्स में रहने दें।

5. बड़े बैलेंस के लिए बेहतर विकल्प

a) स्टेबिलिटी चाहिए तो FD चुनें:

सेविंग्स अकाउंट की तुलना में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) दरें बेहतर होती हैं। ये सुरक्षित, निश्चित रिटर्न और प्रिंसिपल प्रोटेक्शन देती है। ये बड़े खर्चों (जैसे होम पेमेंट, स्कूल फीस, टैक्स आदि) के लिए आदर्श हैं।

b) टैक्स-एफिशिएंट विकल्प चाहिए तो डेट फंड देखें:

जिन निवेशकों को थोड़े बहुत मार्केट उतार-चढ़ाव से दिक्कत नहीं होती, उनके लिए लिक्विड, अल्ट्रा-शॉर्ट और कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड (Debt Funds) अच्छे विकल्प हैं। इनमें आंशिक विड्रॉल आसान है। अगर आप इन फंडों को तीन साल से अधिक समय तक रखते हैं, तो टैक्स में मिलने वाला इंडेक्सेशन लाभ आपके रिटर्न को और बेहतर बना देता है।


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