देश आज भारत रत्न डॉ. बीआर अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि, जिसे महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है, पर श्रद्धापूर्वक नमन कर रहा है। संविधान निर्माता, सामाजिक न्याय के अग्रदूत और आधुनिक भारत के महान विचारक डॉ. अंबेडकर को याद करने के लिए हर वर्ष $\text{6 दिसंबर}$ को यह दिन मनाया जाता है। $\text{6 दिसंबर 1956}$ को उनका निधन हुआ था, जिसके उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया जाता है।
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सहित तमाम राजनीतिक हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
पीएम मोदी ने किया स्मरण: 'मार्ग रोशन करते रहें'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को याद किया। उन्होंने कहा कि वे महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को स्मरण करते हैं।
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दूरदर्शी सोच: पीएम मोदी ने अंबेडकर की दूरदर्शी सोच, न्याय और समानता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता, तथा संवैधानिक मूल्यों को याद किया, जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को दिशा दी है।
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प्रेरणा: उन्होंने आगे कहा कि अंबेडकर ने पीढ़ियों को मानव गरिमा और लोकतांत्रिक आदर्शों को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया।
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भविष्य की कामना: पीएम मोदी ने कामना की कि बाबासाहेब के आदर्श विकसित भारत के निर्माण में आगे भी हमारा मार्ग रोशन करते रहें।
राष्ट्रपति मुर्मू ने दी पुष्पांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी नई दिल्ली स्थित संसद भवन परिसर में डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक 'एक्स' अकाउंट से जारी संदेश में बताया गया कि राष्ट्रपति ने श्रद्धा और सम्मान के साथ बाबासाहेब को नमन किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संदेश में कहा है कि अंबेडकर की शिक्षाएं और उनका संघर्ष भारत को एक न्यायपूर्ण और समानता-आधारित समाज बनाने की दिशा में आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है।
राहुल गांधी ने किया संविधान की रक्षा का संकल्प
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी भीमराव अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया।
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विनम्र श्रद्धांजलि: उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट शेयर कर कहा, “महापरिनिर्वाण दिवस पर बाबा साहेब आंबेडकर को विनम्र श्रद्धांजलि।”
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विरासत: राहुल गांधी ने कहा कि समानता, न्याय और मानव सम्मान की उनकी अमर विरासत उन्हें संविधान की रक्षा के संकल्प को और मजबूत करती है और हमें एक अधिक समावेशी और संवेदनशील भारत के लिए प्रेरित करती है