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IAS संतोष वर्मा को हटाने के लिए एमपी सरकार का केंद्र को लेटर, ब्राह्मणों पर दिया था विवादित बयान

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Posted On:Friday, December 12, 2025

मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा अपने विवादित बयानों के कारण लगातार चर्चा में बने हुए थे. उन्होंने कई सार्वजनिक मंचों से ब्राह्मण समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. इसी मामले में राज्य सरकार ने देर रात सख्त कार्रवाई करते हुए संतोष वर्मा को कृषि विभाग से हटाकर मंत्रालय में उपसचिव के पद पर पदस्थ कर दिया है.

यह कार्रवाई तब की गई जब कई सवर्ण संगठनों ने उनके बयानों के विरोध में सीएम हाउस घेराव का ऐलान किया था. सरकार ने न केवल उनका विभाग बदला है, बल्कि उन्हें नौकरी से बर्खास्त (Dismissal) करने का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा है.

विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश में यह स्पष्ट लिखा गया है कि संतोष वर्मा को अब उनके वर्तमान दायित्वों से मुक्त किया जाता है. हालांकि आदेश में सीधे तौर पर हटाने का कारण नहीं लिखा गया है, लेकिन इस एक्शन के पीछे की मुख्य वजह उनके विवादित और भड़काऊ बयान को ही माना जा रहा है.

बर्खास्त करने का प्रस्ताव भेजा गया

राज्य सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में वर्मा के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके आधार पर उन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश केंद्र को भेजी गई है:

  1. प्रमोशन में जालसाजी: सरकार का कहना है कि वर्मा ने राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में प्रमोशन ऑर्डर में जालसाजी की थी.

  2. आपराधिक मामले लंबित: उनके खिलाफ अलग-अलग कोर्ट में कई आपराधिक मामले (Criminal Cases) लंबित हैं.

  3. फर्जी दस्तावेजों का उपयोग: सरकार ने यह भी कारण बताया है कि वर्मा ने फर्जी कागजों के आधार पर प्रमोशन हासिल किया है.

वर्मा फिलहाल शेड्यूल्ड कास्ट्स एंड ट्राइब्स ऑफिसर्स एंड एंप्लाइज एसोसिएशन (AJJAKS) के स्टेट प्रेसिडेंट हैं. सरकार के इस एक्शन को भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनुशासन भंग करने के साथ-साथ उनके हालिया बयानों के विरोध के दबाव के रूप में देखा जा रहा है.

65 संगठनों ने किया था बड़े प्रदर्शन का ऐलान

संतोष वर्मा के ब्राह्मण समाज के खिलाफ दिए गए बयानों के बाद से ही मध्यप्रदेश में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था.

गंभीर बात यह थी कि गुरुवार को 65 से ज्यादा संगठनों ने मिलकर 14 दिसंबर को सीएम हाउस घेराव का ऐलान किया था. इस ऐलान और व्यापक विरोध की चेतावनी के बाद ही प्रदेश सरकार ने देर रात यह बड़ा एक्शन लिया है. संगठनों की तरफ से यह भी चेतावनी दी गई थी कि अगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो पूरे राज्य में बंद (Bandh) की तैयारी की जाएगी.

संतोष वर्मा का विवादास्पद बयान

संतोष वर्मा ने भोपाल के अंबेडकर मैदान में 23 नवंबर को अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के प्रांतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बयान दिया था:

"जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए."

इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से ही पूरे राज्य में जमकर विरोध देखने को मिल रहा था, जिसके चलते सरकार को अंततः सख्त कदम उठाना पड़ा.


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