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अमेरिका जाकर बच्चा पैदा करने वाले भारतीयों के लिए मुश्किल, बर्थ टूरिज्म को लेकर सख्त एक्शन

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Posted On:Friday, December 12, 2025

भारत स्थित अमेरिका के दूतावास ने एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी करते हुए बर्थ टूरिज्म (Birth Tourism) को लेकर सख्त रुख अपनाया है. बर्थ टूरिज्म उस अभ्यास को कहते हैं जहां लोग प्रेग्नेंसी के दौरान टूरिस्ट वीजा पर अमेरिका जाते हैं, जिसका मुख्य मकसद बच्चे को अमेरिका में जन्म देना होता है ताकि उसे जन्मसिद्ध नागरिकता (Birthright Citizenship) मिल सके.

सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट में दूतावास ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी भी आवेदक पर यह संदेह हुआ कि वह बच्चे को जन्म देने के मकसद से अमेरिका की यात्रा कर रहा है, तो उसका टूरिस्ट वीजा उसी समय रद्द कर दिया जाएगा.

दूतावास ने दोहराई सख्त चेतावनी

दूतावास ने एक्स पर कहा, "अगर अमेरिकी कॉन्सुलर अधिकारी यह मानते हैं कि यात्रा का मुख्य मकसद अमेरिका में बच्चे को जन्म देकर उसके लिए अमेरिकी नागरिकता हासिल करना है, तो वे टूरिस्ट वीजा आवेदन को अस्वीकार कर देंगे. इसकी इजाजत नहीं है."

यह चेतावनी अमेरिका के वीजा नियमों में 2020 में किए गए संशोधन को दोहराती है. ये संशोधन कॉन्सुलर अधिकारियों को स्पष्ट रूप से यह अधिकार देते हैं कि अगर बर्थ टूरिज्म का संदेह हो तो वे B-1/B-2 विजिटर वीजा आवेदन को खारिज कर सकें.

अप्रैल में अमेरिकी विदेश विभाग ने भी संदेश जारी किया था कि नवजात शिशु के लिए नागरिकता हासिल करने के प्राथमिक मकसद से अमेरिकी टूरिस्ट वीजा का इस्तेमाल न सिर्फ सिस्टम का दुरुपयोग है, बल्कि इससे अमेरिकी करदाताओं को मेडिकल खर्च वहन करना पड़ सकता है.

विदेश विभाग ने साफ कहा था, "विदेशी माता-पिता की ओर से अमेरिका में बच्चे को जन्म देकर उसके लिए नागरिकता हासिल करने के प्राथमिक मकसद से अमेरिकी टूरिस्ट वीजा का इस्तेमाल करना अस्वीकार्य है. इससे अमेरिकी करदाताओं को मेडिकल देखभाल की लागत भी वहन करनी पड़ सकती है."

सोशल मीडिया अकाउंट की होगी व्यापक जांच

दूतावास की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका अपने वीजा आवेदकों की सोशल मीडिया जांच को और व्यापक कर रहा है. एक नए नियम के तहत, अब सभी H-1B कर्मचारी और आवेदक—साथ ही उनके H-4 वाले आश्रित (dependents)—वीजा जांच के लिए अपने ऑनलाइन अकाउंट्स तक पहुंच उपलब्ध कराएंगे, भले ही वे वीजा रिन्यू कर रहे हों या नया आवेदन दे रहे हों. यह कदम 15 दिसंबर से लागू होने वाला है, जिसने भारतीय प्रवासियों में चिंता पैदा कर दी है.

भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने बड़ी संख्या में H-1B और H-4 इंटरव्यू भी दोबारा निर्धारित किए हैं, जिनमें से कुछ को 2026 के मध्य तक आगे बढ़ा दिया गया है.

दूतावास ने आवेदकों को सलाह दी है: "अगर आपको ऐसा ईमेल मिला है जिसमें बताया गया है कि आपका वीजा अपॉइंटमेंट फिर से निर्धारित किया गया है, तो मिशन इंडिया आपकी नई अपॉइंटमेंट तारीख पर आपकी सहायता करेगा." उसने यह भी चेतावनी दी कि पुराने, रद्द किए गए अपॉइंटमेंट दिन पर पहुंचने पर प्रवेश से इनकार किया जाएगा.


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