निवेश मार्केट में एक कहावत बहुत प्रचलित है: 'समय सबसे बड़ा फैक्टर है, पैसा नहीं'। यह बात खासकर लंप सम निवेश (एकमुश्त निवेश) पर पूरी तरह लागू होती है। अगर आप अपने ₹2.5 लाख जैसे छोटे निवेश को कहाँ और कितने समय के लिए लगाते हैं, यह आपके अंतिम रिटर्न पर चौंकाने वाला असर डाल सकता है।
म्यूचुअल फंड में औसत 12% की सालाना बढ़त का अनुमान लगाकर, हम 2030 और 2035 के आंकड़ों की तुलना करके समझते हैं कि कंपाउंडिंग की शक्ति कैसे काम करती है।
₹2.5 लाख का लंप सम निवेश: 2030 (5 साल)
यदि कोई निवेशक आज ₹2.5 लाख का एकमुश्त निवेश करता है और इसे केवल 5 साल (यानी 2030 तक) के लिए छोड़ देता है, तो कंपाउंडिंग की शक्ति सीमित दायरे में काम करती है।
| विवरण |
अवधि |
अनुमानित रिटर्न दर |
कुल मैच्योरिटी राशि (अनुमानित) |
| निवेशित अवधि |
5 साल |
12% सालाना |
₹4.41 लाख |
| कुल मुनाफा |
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लगभग ₹1.91 लाख |
इस अवधि में, निवेशक लगभग ₹1.91 लाख का मुनाफा कमाएगा। कुल मैच्योरिटी राशि ₹4.41 लाख बनती है। यह रिटर्न बुरा नहीं है, लेकिन तेज महंगाई को देखते हुए यह भविष्य की बड़ी जरूरतों को पूरी तरह संभालने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता।
₹2.5 लाख का लंप सम निवेश: 2035 (10 साल)
अगर निवेशक केवल 5 साल और रुककर (यानी कुल 10 साल के लिए 2035 तक) निवेश को बनाए रखता है, तो तस्वीर पूरी तरह से बदल जाती है।
| विवरण |
अवधि |
अनुमानित रिटर्न दर |
कुल मैच्योरिटी राशि (अनुमानित) |
| निवेशित अवधि |
10 साल |
12% सालाना |
₹7.76 लाख |
| कुल मुनाफा |
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लगभग ₹5.26 लाख |
सिर्फ 5 साल का अतिरिक्त समय आपके मुनाफे को दोगुने से भी ज्यादा कर देता है! ₹2.5 लाख पर मिलने वाला अनुमानित मुनाफा बढ़कर लगभग ₹5.26 लाख हो जाता है, जिससे कुल मैच्योरिटी राशि लगभग ₹7.76 लाख तक पहुँच जाती है।
कंपाउंडिंग: असली गेम-चेंजर क्यों है?
इस तुलना से एक स्पष्ट संदेश मिलता है कि निवेश में सबसे बड़ी रणनीति मार्केट को टाइम करने (यानी कब खरीदें और कब बेचें) की बजाय, लंबे समय तक मार्केट में टिके रहने की है।
कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि) ब्याज में, आपको न केवल मूलधन पर ब्याज मिलता है, बल्कि पिछले साल के ब्याज पर भी ब्याज मिलना शुरू हो जाता है। यह प्रभाव शुरू के वर्षों में धीमा होता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, यह घातांकीय दर (Exponential Rate) से बढ़ता है।
यह दर्शाता है कि लंबे समय तक बने रहने से आपका पैसा तेजी से आपके लिए काम करता है।
वेल्थ क्रिएशन के लिए आगे की रणनीति
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दीर्घकालिक सोच: यदि आपको यह ₹2.5 लाख निकट भविष्य में नहीं चाहिए, तो इसे 2035 या इससे भी ज्यादा लंबी अवधि के लिए निवेश में बनाए रखना आपकी वित्तीय स्थिति को कहीं अधिक मजबूत कर सकता है।
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विविधता: अपने वित्तीय लक्ष्यों को और बेहतर बनाने के लिए, केवल लंप सम पर निर्भर न रहें। SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए नियमित निवेश करें और गोल्ड-रियल एस्टेट जैसे अन्य एसेट क्लास में भी विविधता बनाए रखें।