अभिषेक बच्चन ने हाल ही में X पर एक दिल छू लेने वाली पोस्ट शेयर की, जिसने फिल्म प्रेमियों को nostalgia की लहर में डुबो दिया। एकक्लासिक पोस्टर के साथ उन्होंने लिखा कि उन्होंने शोले को कभी बड़े पर्दे पर नहीं देखा—सिर्फ़ टीवी और VHS/DVD पर। और अब जब फिल्मअपनी 50वीं सालगिरह पर फिर से सिनेमाघरों में लौट रही है, यह सिर्फ़ एक री-रिलीज़ नहीं, बल्कि उनके लिए “जिंदगी भर का सपना” है। यह वहीफिल्म है जिसमें उनके पिता अमिताभ बच्चन ने अमर किरदार ‘जय’ निभाया था—इसलिए फैंस के लिए भी यह खुशी कुछ ज़्यादा ही खास है।
‘शोले: द फाइनल कट’ 12 दिसंबर 2025 को 4K में रिस्टोर होकर, डॉल्बी 5.1 साउंड और अपनी ओरिज़िनल अनकट एंडिंग के साथ रिलीज़ होगी—वह अंत जिसे 1975 में टेस्ट ऑडियंस के रिएक्शन के बाद हटाना पड़ा था। CBFC द्वारा ‘U’ प्रमाणित यह फिल्म भारतभर में करीब 1,500 स्क्रीन पर रिलीज़ की जा रही है। दशकों तक धुंधले टीवी प्रसारण और पुरानी कैसेट क्वालिटी में देखने के बाद फैंस इसे अब असली भव्यता में अनुभवकर पाएंगे। यह सचमुच सिनेमाघरों के लिए इस दशक का सबसे बड़ा इवेंट माना जा रहा है।
रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित और जी. पी. सिप्पी द्वारा निर्मित शोले भारतीय सिनेमा की उन बुलंदियों में से एक है जिसे कोई फिल्म छू ही नहीं पाई।वीरू (धर्मेंद्र) और जय (अमिताभ बच्चन) की जोड़ी, ठाकुर (संजीव कुमार) का बदले की आग में जलता धैर्य, और गब्बर सिंह (अमजद खान) काडरावना करिश्मा—यह कहानी आज भी हर पीढ़ी को जोड़ती है। ऊपर से हेमा मालिनी की बसंती, जया भादुड़ी की राधा और आर. डी. बर्मन कासाउंडट्रैक—शोले सिर्फ़ फिल्म नहीं, बल्कि भारत का एक सांस्कृतिक अनुभव है।
अब जब फिल्म फिर से सिनेमाघरों में लौट रही है, नई पीढ़ी इसे उसी भव्य रूप में देख पाएगी जैसा इसे बनाया गया था—शानदार एक्शन, दमदारइमोशन्स और बड़ा सिनेमाई स्केल। कई बच्चों और युवाओं के लिए यह पहली बार होगा जब वे शोले को उसी तरह महसूस करेंगे जैसे 70 के दशकके दर्शकों ने किया था।
अभिषेक बच्चन और उनके जैसे करोड़ों फैंस के लिए, यह री-रिलीज़ एक टाइम मशीन की तरह है—एक मौका, उस जादू को फिर से जीने का जिसेसिर्फ़ टीवी स्क्रीन पर देख कर पूरा महसूस नहीं किया जा सकता था। यह एक सपना है जो आखिरकार सच हो रहा है… और शोले एक बार फिरसाबित करेगी कि ‘क्लासिक’ होने का असली मतलब क्या होता है।