मुंबई के अंडरवर्ल्ड के सबसे नामी और पहले गैंगस्टर हाजी मस्तान मिर्ज़ा की बेटी हसीन मस्तान मिर्ज़ा ने भारत सरकार से न्याय और रहम की गुहार लगाई है। मुंबई के पुराने तस्करों में से एक रहे हाजी मस्तान मिर्ज़ा की बेटी हसीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से इंसाफ के लिए अपील की है।
हसीन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि बीते कई सालों से वह अपने केस को लेकर सिर्फ बातें करती रहती हैं, लेकिन कोई इस पर सीरियस नहीं होता है। उनका आरोप है कि न ही मीडिया उन्हें सपोर्ट करती है और न ही देश का कानून इस मामले में पर्याप्त रूप से सख्त है।
हसीन मिर्ज़ा के गंभीर आरोप
वीडियो में हसीन मिर्ज़ा ने बहुत ही गंभीर दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पहचान छिपाई गई, प्रॉपर्टी ले ली गई, रेप किया गया और यहां तक कि उनकी हत्या करने की भी कोशिश हुई। इन सब घटनाक्रमों से परेशान होकर अब उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह से देश के कानून को और सख्त करने की 'भीख' मांगी है ताकि उन्हें न्याय मिल सके। पिता की संपत्ति और अपनी सुरक्षा को लेकर बेटी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
कौन थे हाजी मस्तान मिर्ज़ा?
हाजी मस्तान मिर्ज़ा का नाम 70 और 80 के दशक में मुंबई के अंडरवर्ल्ड में एक बड़ा नाम हुआ करता था। उसे बंबई का पहला नामी डॉन और 'गॉडफादर' कहा जाता था। उसका सिक्का 1960 के दशक से लेकर 1980 के दशक तक चलता था। वह मूल रूप से अवैध सोने, चांदी और इलेक्ट्रॉनिक सामानों का एक तस्कर था, जो बाद में संगठित अपराध के सम्राट के रूप में स्थापित हुआ।
हुकूमत का दायरा
मस्तान का कारोबार मुख्य रूप से समुद्री तस्करी और रियल एस्टेट में फैला हुआ था। अपने शुरुआती दिनों में वह हिंसा से दूर रहा; कहा जाता है कि वह कभी किसी की हत्या नहीं करता था, लेकिन उसके इशारे पर मुंबई का पूरा तंत्र काम करता था।
यह भी कहा जाता है कि वह उन कुछ लोगों में से था, जिनके साथ दाऊद इब्राहिम ने अपने शुरुआती दिनों में काम किया था। हाजी मस्तान सिर्फ अंडरवर्ल्ड तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि उसने 70 के दशक में ही अपनी पहुंच को दो सबसे प्रभावशाली क्षेत्रों बॉलीवुड और राजनीति तक बढ़ा दिया था। उसका प्रभाव इतना गहरा था कि फिल्मी दुनिया और राजनेता उसके इशारे पर चला करते थे।
हाजी मस्तान के प्रभाव और विवादों से भरे इतिहास के बाद, उनकी बेटी का न्याय के लिए इस तरह सार्वजनिक रूप से गुहार लगाना इस बात को दर्शाता है कि अपराध जगत से जुड़े परिवारों को लंबे समय तक इसके परिणाम भुगतने पड़ते हैं।