इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव एक बार फिर हिंसक झड़प में बदल गया है। कंधार प्रांत के स्पिन बोलदक इलाके में अफगान और पाकिस्तानी सेनाएं भीषण गोलाबारी में उलझ गई हैं। यह ताजा टकराव, दो दिन पहले दोनों देशों के बीच हुई शांति वार्ता विफल होने के ठीक बाद हुआ है, जिससे सीमावर्ती इलाकों में दहशत फैल गई है और स्थानीय लोग अपने घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।
सीमा पार से रॉकेट और ग्रेनेड दागे गए
दोनों सेनाएं सीमा पार से एक-दूसरे की चौकियों को निशाना बना रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, सेनाएं एक-दूसरे पर ग्रेनेड, मोर्टार और रॉकेट दाग रही हैं। ये गोले और रॉकेट आम लोगों के घरों पर गिरे, जिससे सीमा से सटे गाँवों में रातों-रात भगदड़ मच गई। डर और दहशत के कारण लोग अपना सामान समेटकर सुरक्षित ठिकानों की ओर भाग गए हैं।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
इस झड़प के लिए दोनों देशों ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है:
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अफगानिस्तान का आरोप: अफगान बॉर्डर पुलिस के प्रवक्ता अबेदुल्लाह फारूकी ने टकराव की पुष्टि करते हुए कहा कि गोलाबारी की शुरुआत पाकिस्तान ने की। फारूकी के अनुसार, पाक सेना ने हमला किया, जिसके बाद अफगान सेना को सीजफायर तोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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पाकिस्तान का दावा: पाकिस्तान का कहना है कि अफगान सेना ने पहले हमला किया, जिसके बाद जवाबी फायरिंग शुरू हुई। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि अफगान सेना ने ग्रेनेड, रॉकेट और गोले दागे जो नागरिकों के घरों पर गिरे।
डूरंड लाइन विवाद की जड़
यह ताज़ा टकराव एक बार फिर पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर स्थित विवादित डूरंड लाइन पर हुआ है। स्पिन बोलदक, जो इसी लाइन पर बसा एक महत्वपूर्ण शहर है, दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही का एक प्रमुख केंद्र है। यह विवाद लंबे समय से दोनों देशों के बीच तनाव का कारण रहा है। पाकिस्तान इसे आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय सीमा घोषित कर चुका है, लेकिन अफगानिस्तान इसे मानने से इनकार करता है। इस वजह से, डूरंड लाइन से होने वाली किसी भी आवाजाही को अफगानिस्तान अवैध घुसपैठ करार देता है, जिससे दोनों सेनाओं के बीच अक्सर झड़पें होती रहती हैं।
विफल शांति वार्ता और बढ़ते हमले
यह हिंसक escalation दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के कई प्रयासों की विफलता को दर्शाता है। इससे पहले, 8-9 अक्टूबर की रात को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) द्वारा किए गए आतंकी हमले ने तनाव को चरम पर पहुँचा दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक की थी।
इसके जवाबी हमले में अफगान सेना ने भी पाक चौकियों पर कब्ज़ा किया था, जिसमें दर्जनों पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया गया। 16 से 18 अक्टूबर के बीच हुए युद्धविराम समझौते के बाद भी, 3 दौर की शांति वार्ता विफल हो चुकी है। 25 नवंबर को पूर्वी अफगानिस्तान में पाकिस्तान की ओर से हवाई हमला किए जाने के बाद, पेशावर में TTP ने फिर से आतंकी हमला किया था, जिसने सीमा पर शांति की सभी उम्मीदों को खत्म कर दिया। वर्तमान गोलाबारी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि डूरंड लाइन का अनसुलझा विवाद और आतंकी समूहों की मौजूदगी दोनों पड़ोसी देशों के बीच अस्थिरता का सबसे बड़ा कारण बनी हुई है।